चुप चाप सी बैठी है वो
और न जाने क्या लिखे जा रही है..
शायद कुछ बातें है मन में
जिन्हे पन्नो पर उतारे जा रही है..
आज बताया उसने की वो भी लिखती है
कुछ बातें अच्छी और कुछ जो उसे चुभती हैं
वो भी मेरी तरह हर बात लिखती है...
दिल में छुपा हर राज लिखती है...
बस फ़र्क इतना है हम मे
हम जीक्र कर देते हैं और वो बस फिक्र करती है....
है इतनी मासूम सी वो
क्या बताउ कितना प्यार आता है उस पर
एक पल में सौ बार आता है उस पर
पता है हजार फासले है हमारे बीच
फिर भी ये दिल उसकी और खिंचा जाता है
लाख समझाए लाख मनाये
फिर भी हर पल उसका ही ख्याल आता है....
हर बात में मना कर देती है वो झट से
पर फिर अगले पल मान भी जाती है
है थोड़ा सा बचपना उसमे
शायद इसलिये वो मुझे बेहद पसंद आती है
पर इन्हे छोरो वो ना जाने क्या लिखे जा रही है
बताती भी नहीं है सब कुछ छिपाए जा रही है
पता चला मुझे की थोड़ी जगह मिली है मुझे भी
डायरी के पन्नो में
But I want some space उसके दिल के कोने में
थोड़ी Naughty थोड़ी शैतान है वो
लेकिन जैसी भी है मेरी जान है वो
काश ये कह पाने का थोड़ा सा हक मिल जाए
थोड़ी विरान सी जो मेरी जिंदगी है
इनमे उसका साथ मिल जाए.....
मेरी इस बेकरार दिल को थोड़ा सा करार आ जाए..
और यार ज्यादा कुछ नहीं बस इन हाथो में उसका हाथ आ जाए...
वादा है मेरा फिर कभी नहीं छोड़ूंगा साथ उसका
आएगी जो धूप बनुंगा मैं छाव उसका...
कभी कम ना होने दूंगा उसके लबों की हंसी को
चाहे कभी कहना पड़ जाए झूठ भी सही को
रिश्तो में थोड़ी कच्ची सी है वो
बड़ी तो हो गई पर अभी भी बच्ची सी है वो
थोड़ा समझ आता है उसे थोड़ा नहीं
पर एक बात है दिल की बहुत सच्ची सी है वो....
शायद प्यार कैसे होता है ये वो सिख रही है
और न जाने कब से कोरे पन्नो में कुछ
लिख रही है
रुकी है थोड़ी देर के लिए कलम उसकी
शायद मन में किसी का ख्याल आ गया
और आकर देखो तो चेहरे को उसके कोई
चेहरे पर कैसे शर्म का निशान आ गया...
कोई है बैठा उसके मन के अंदर
जाने किस से वो इतनी बातें करती है..
पूछ बैठा मैं आज उस से ये
तो पता चला
ख्यालों में हमसे ही मुलाकात करती है...
है प्यार तो कह क्यों नहीं देती आ कर
क्यू इतना मुझको परेशान करती है....
© Mγѕτєяιουѕ ᴡʀɪᴛᴇR✍️
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