चलो आज ठहर जाते हैं! Poem by Ashish Singh

चलो आज ठहर जाते हैं!

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चलो आज ठहर जाते हैं!
आज घर पर अपनो के साथ
कुछ वक्त बिताते हैं

जिंदगी भर को अपनों के साथ के लिए
कुछ पहर उनसे दूर रह जाते हैं

पूरी जिंदगी दोस्तो के साथ मौज कर सके
इसके लिए कुछ समय अकेले हो जाते है

जब सबने कोशिश की हैं साथ लड़ने की
तो हम भी इसमे अपना थोड़ा साथ बटाते है

रोज़ की भागदौड़ से हटकर
आज घर पर ही ठहर जाते हैं...

© Mγѕτєяιουѕ ᴡʀɪᴛᴇR✍️

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