बैगा की शादी में
शनिवार, ९ जून २०१८
ज़रा गौर से उन्हे सुनिए
और फिर दिल से सोचिए
जिन्हे सरकारी बँगला खली करने में उम्र आड़े आती है
या फिर बच्चो की पढ़ाई नजर आती है।
जिसने १०० करोड़ का बँगला अपने लिए बनवाया हो
सरकारी बँगला भी स्मारक बना दिया हो
करोडो की सम्पति अपने भाई के नाम कर ली हो
और खुद ही सर्वेसर्वा बनी बैठी हो।
ऐसे लोग संविधान और देश की रक्षा करने निकले है
जो खुद न्याय की नजरो भगोडे हो
जिन के दामाद वगेरे ने करोडो जी जमीं हड़प ली हो
वैसे परिवार अब देश की दुहाई दे रहे है।
कोई दिन ऐसा नहीं गुजरा
जहाँ एक षड्यंत्र बाहर नही आया हो
अब प्रधानमन्त्री को मारने की प्लान खुलकर सामने आई है
अरे हर जगह आगजनी, लूटमार और आंदोलन पैसे देकर करे जा रहे है।
केहते है हम धर्मनिरपेक्ष निति को मानते है
और काम उलटा करते है
देश को पुरे जाती, धरम के नाम पर बाँट दिया है
उनका घर का खर्च कैसे चलता हैं यह कभी किसी ने उन्हें पूछा है?
बैगा की शादी में अब्दुला दीवाना
प्रधानमंत्री तो मन से ही मान लिया
अभी तो गाडी में सवार हो जाओ
जिसे भी बैठना है, बेशक सवार हो जाओ
हसमुख अमथालाल मेहता
welcome Sherlene SoHelpful Stevens 7 mutual friends 1 Manage Like · Reply · 1m
welcome Diaz Ari Ari Diaz 66 mutual friends Friend Friends
welcome Piyu Shah 6 mutual friends 1 Manage Like · Reply · 1m
welcome Amrishbhai Mehta 27 mutual friends Friend Friends
बैगा की शादी में अब्दुला दीवाना प्रधानमंत्री तो मन से ही मान लिया अभी तो गाडी में सवार हो जाओ जिसे भी बैठना है, बेशक सवार हो जाओ हसमुख अमथालाल मेहता
This poem has not been translated into any other language yet.
I would like to translate this poem
welcome Manisha Mehta 25 mutual friends 1 Manage Like · Reply · 1m