बदलते रहेंगे रिश्ते Balte Rahenge Poem by Mehta Hasmukh Amathaal

बदलते रहेंगे रिश्ते Balte Rahenge

बदलते रहेंगे रिश्ते

गुरु ज्ञानी
हम अज्ञानी
बात ना समजी
और दिखाई नासमझी।

वंदन करना
और ना पूछना!
सिर्फ आँख में रखना
जो हे कहना।

ना दिखाना नाराजगी
यदि हो जाए चूक करने में बंदगी
बस पूछ लो सही 'मुझे क्या करना है प्रभु '?
वो जानते है तुम्हारी दुविधा क्योकि है स्वयंभू।

जो दिख रहा है वो छद्म है
प्रभू तो सामने खड़े पद्म है
तुम्हारे कदम क्यों डीग रहे है?
वो खुद ही तो तुम्हारे सारथि बने है।

करना है संहार अपनों का
जो संहारी बने है अपने सपनों का
वो नहीं रुकने वाले अपने मंसूबों में
तुम ही कर सकतो हो भरोसा अपने बाणों में।

बनके रह जाएगा एक इतिहास पन्नो में
महाभारत कहलायेगा सही मानों में
लोग पढेंगे ओर समझेंगे कुछ ज्ञान के वास्ते
सही मिसाल मिलेगी जब बदलते रहेंगे रिश्ते।

बदलते रहेंगे रिश्ते Balte Rahenge
Sunday, January 22, 2017
Topic(s) of this poem: poem
COMMENTS OF THE POEM
Mehta Hasmukh Amathalal 23 January 2017

welcome raj kumar agarwal Unlike · Reply · 1 · Just now Unlike · Reply · 1 · Just now

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Mehta Hasmukh Amathalal 22 January 2017

joy montebon Unlike · Reply · 1 · Just now

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Mehta Hasmukh Amathalal 22 January 2017

welcome tribhovan panchal Unlike · Reply · 1 · Just now

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Mehta Hasmukh Amathalal 22 January 2017

बनके रह जाएगा एक इतिहास पन्नो में महाभारत कहलायेगा सही मानों में लोग पढेंगे ओर समझेंगे कुछ ज्ञान के वास्ते सही मिसाल मिलेगी जब बदलते रहेंगे रिश्ते।

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Mehta Hasmukh Amathaal

Mehta Hasmukh Amathaal

Vadali, Dist: - sabarkantha, Gujarat, India
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