भरोसा कर लेना
सोमवार, २४ दिसंबर २०१८
कर सकोतो भरोसा कर लेना
मेरी बात को ध्यान से सुन लेना
जीवन है तो उसे प्यार से जी लेना
हो सके तो किसी का गुनाह माफ़ कर देना।
भले ही हम जाती से पहचाने जाते है
अपने कुल का अभिमान भी रखते है
पर इंसानियत का एक बड़ा तकाजा है
इंसान होकर इंसानियत से जीने का मजा कुछ और है।
ना कोई जानता सफर कितना है
जल्दी हो जाएगा ख़त्म या लंबा होना है
फिर एक दूसरे से क्यों खफा होना है?
मरने मारने ने पर क्यों उतारू होना है?
गले मिलकर प्यार का सुख लेना है
एक दूसरे का सुखदुख बांटना है
ना कुछ कर सको तो कोई गीला नहीं
पर बैर का जहर आगे नहीं फैलाना है।
ये सिलसिला यहाँ ही थम जाए
सब के लिए सुखचैन और अमन आ जाए
रखे हम सब एक दूसरे से प्यार
ख़ुशी से जिए और शान्ति की लाए बहार।
हसमुख मेहता
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