भाता नहीं
रविवार, ३ मार्च, २०१९
तुम्ही मेरे श्याम हो
तुम्ही घनश्याम हो
सुबह होती आपके नाम से
शाम हो जाती मेरे श्याम के नाम से।
नहीं लगता दिल मेरा
चाहु रोज हो सवेरा
बस यूँही चलता रहे बसेरा
जब मिलता रहे आशीर्वाद तेरा।
टिकती नहीं कही और निगाहें
दिल कितना भी कहीं और चाहे
हमें किसीको फुर्सत ही नहीं
बस नाम तेरा जपतेयही।
प्यार करना हमें आता नहीं
दूसरों को सताया जाता नहीं
अय मालिक तेरे बिना कुछ सूझता नहीं
बस प्रार्थना करना हमारा काम यहीं।
नाम में रखा क्या है?
प्यार का दुसरा नाम क्या है?
मिले ना दौलत, तो काम चला लेंगे
पर लबों पे नाम तेरा हमेशा रखेंगे।
राधा भी दीवानी रही आपकी
मीरा भी रंग गई रंग में आपकी
जिसको छाडे आपकी धुन
फिर लगता नहीं, कहीं और मन.
संसार मुझे भाता नहीं
कोई माता-पिता और भ्राता नहीं
बस आपको ही नाम, मुझे लगे प्यारो
मेरी किश्ती किस्ती को बस आप ही सवारो
हसमुख मेहता
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संसार मुझे भाता नहीं कोई माता-पिता और भ्राता नहीं बस आपको ही नाम, मुझे लगे प्यारो मेरी किश्ती किस्ती को बस आप ही सवारो हसमुख मेहता