चल भी देंगे
याद उनकी कैसे भुलाये?
वो तो आ जायते है बिन बुलाये
भीतर से मनको कोरो कोरी खाये
पर जुबान पर लब्ज़ ना लाये।
वो ना थी कोई राजकुमारी
बस अल्हड सी थी गाँव की गोरी
पानी भरने बन जाती थी पनिहारी
बस लगती थी अनोखी और अलगारी।
उनका धीरे से हाथ को हिलाना
हमारे मनको मचलाना
दिल से निकलती थी एक ही बात
'कब आएगी मिलान की रात'।
दिल मचला क्यों जा रहा है?
मन मंदिर क्यों सजा जा रहा है?
उनको भी हमारी भनक लग गयी है
दिल की धड़कन किसी की हो गयी है।
मेरे बस में अब कुछ नहीं
अलफ़ाज़ भी आजु मानते नहीं
कुछ ना कुछ गलती, हो ही जाती है
बदली हुई हालत बयानी कर जाती है।
'मेरा गुलशन पुरे बहार है'
'बस आपका ही एक इंतजार है '
में सुन रहा था उनकी हर एक गूंज
और दिखाई जाता था बड़ा प्रकाशपुंज
वो चाहते थे हंसी मजाक का माहोल
हम भी करना चाटे थे आनंद और किल्लोल
पर ना जाने फिर क्या याद आ गया?
उनका हसीन चेहरा फिर सामने आ गया।
हंसी आ जाती है फिर मुस्कुराना
दिल कहता है अब क्यों गभराना
थाम लो हाथ तो मना नहीं करेंगे
हामी तो भरेंगे पर चल भी देंगे।
ohan Lal S L Love story hai ya Samajik Adhan 27 mins · Unlike · 1
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