दरवाजे पतन के
आज यह कैसीमज़बूरी है
हमारे में बिलकुल ही सबुरी नहीं है
इतनीजल्दी भी क्या?
साप सूंघ गया है क्या?
मानो एक संजीवनी हाथ लगी है
राजकारण एक नया धंधा बन गया है
पानी की तरह लोग रुपया बहा देते है
जनता को लूटने के इरादे से चुनाव लड़ते है।
इक नयाक्लासउभरकर सामने आया है
जो परदेस से चन्दा लेता है
देश के हितोंको नजरअंदाज कर देता है
और अपने ही देशवासियोंके विरुध्ध काम करता है।
वाणी की अभिव्यकती अच्छी बात है
पर उसकी आड़ मे देश के विरद्ध काम करना बुरी बात है
देश के पैसे से देश में ही अराजकता फैलाना देशद्रोह की निशानी है
ऐसे लोगों के लिए मृत्युदंड ही एक उपाय है।
चुनाव में घर घर जाकर शराब का आवंटन करना
सरेआम पैसों का लालच देकर वोट को खरीदना
फिर अपने आपजो गरीबोंका बेली बताना
या सब देश के पतन की निशानी है।
देश के उपर दसकों से राज करनेवाली आज अंतिम छोर पर है
पार्टी आजकाल लुप्त होने की कगार पर है
ना कोई नेता बचा है और नाही कोई व्यक्तित्व
हरकोई ढूंढ रहा है अपना अस्तित्व।
वजूद कैसे मिलेगा?
जिनके कारनामे से बस बेइज्जत्ती को बढ़ावा मिलेगा
नाम भर के इस्तीफे मांग लेनेसे दाग नहीं धुलेंगे
उनके लिए दरवाजे पतन के लिए ही खुलेंगे।
Aasha Sharma Wait, wait only wait with patient Like · Reply · 1 · 4 minutes ago
welcome manoj pandya Like · Reply · 1 · Just now Manage
welcome Sukhdev Desai Like · Reply · 1 · Just now
welcome veeru gujarati Like · Reply · 1 · Just now
welcome patel bhai patel Like · Reply · 1 · Just now Manage
welcome prakash popat Like · Reply · 1 · Just now
welcome jaideep sinh rathor · Reply · 1 · Just now
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हरकोई ढूंढ रहा है अपना अस्तित्व।