Delhi Pollution Poem by Anjum Firdausi

Delhi Pollution

( दिल्ली की हवा)

हवा कह रही है, फ़िज़ा कह रही है!

ये आलूआदगी की वबा कह रही है!

ये अँधेरे धुएं का बदल सा पहरा !

ये दिल्ली को दिल की सदा कह रही है!

शजर तुम लगाओ न कचड़े जलाओ!

खोदाया खुदी पे ज़रा रहम खाओ!

ये ज़हरीली कल से हवा बह रही है!


ये आलूआदगी की वबा कह रही है!


जो गाड़ी का पेट्रोल , डीज़ल जलेगा!

तो धुंआ यक़ीनन हवा में मिलेगा!

परेशानियां होंगी हर एक बशर को!

बचा लो मेरे भाई , अपनी शहर को!



ये दिल्ली की प्यारी अदा कह रही है!


ये आलूआदगी की सदा कह रही है!

रचना &लेख: - अंजुम फिरदौसी (ग्रा& पो-: अलीनगर, दरभंगा, बिहार) 847405

Thursday, January 5, 2017
Topic(s) of this poem: nazm
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Anjum Firdausi

Anjum Firdausi

Alinagar, Darbhanga
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