दुआ की जरुरत
मंगलवार, २६ जून २०१८
दुआ की जरुरत रोज होती है
पर तब ही मांगी जाती है
जान पर जब बन आती है
दिल को जब से दुखाती है।
प्रार्थना भी करो
आजीजी करो
दुआ के लिए मन्नत मांगो
सर को झुकाकर अपनी कथनी कहो।
दुआ निष्फल नहीं जाती
आपका हर श
तो फलदायक ना हो वो मंगलकामना नही
अंतरात्मा का जलना शुभ निशानी नहीं।
मेरे सुख के साथ सभी खुश रहे
दिल हमेशा उनकी संगत चाहे
रहो दूर पर मन हमेशा मिलने को जंखे
जीवन ऐसे ही व्यतीत हो जाय सुखेसुखे।
हसमुख अमथालाल मेहता ब्द कहती
और दिल की बात सुनाती
मन ही मन शुभ कामना करती।
करो कामना ऐसी!
लगे भक्त की अरज सी
जिस में भाव प्रकट हो भक्ति का
और संकल्प हो मुक्ति का।
किसी के प्रति ना हो दुर्भावना
बस हो निष्पक्ष कामना
मेरे भले के साथ सब का हो मंगल
रहे सदा शांति और हो कभी ना दंगल।
मेरे सोचने से कभी किसी का बुरा ना होगा
मेरी अभिव्यक्ति से नहीं मुकसान होगा
तो फलदायक ना हो वो मंगलकामना नही
अंतरात्मा का जलना शुभ निशानी नहीं।
मेरे सुख के साथ सभी खुश रहे
दिल हमेशा उनकी संगत चाहे
रहो दूर पर मन हमेशा मिलने को जंखे
जीवन ऐसे ही व्यतीत हो जाय सुखेसुखे।
हसमुख अमथालाल मेहता
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मेरे सुख के साथ सभी खुश रहे दिल हमेशा उनकी संगत चाहे रहो दूर पर मन हमेशा मिलने को जंखे जीवन ऐसे ही व्यतीत हो जाय सुखेसुखे। हसमुख अमथालाल मेहता