दुःख का कारण
गुरूवार, १४ मार्च २०१९
सुख में करो सुमिरन
धन के पीछे लगे रहो
और दुःख में करो रुदन
आहे भरो पुरे दिन।
सब दौड़ते माया के पीछे
सुख की कामना सब वांछे
नहीं चाहिए किसीको दुःख
बस चाहिए भरी रहे कुख।
फिर भी नहीं भरता उसका मन
लगी रहती लालसा आजीवन
जग रोने लगता जब खोते स्वजन
नहीं कोई समाल ने वाला आप्तजन।
सब जानते "जाना सब को छोड़कर "
ना धन ले जाना, ना बँगला और कार
यदि कर लिया सदुपयोग कल्याण के लिए
तब ही मिलेगी शान्ति अगले सफर के लिए।
माना की जरुरी है धन जीवन के लिए
पर उतना ही चाहिए अपने सफर के लिए
ज्यादा भी होगा दुःख का कारण
फिर चिंता क्यों करना अकारण।
हसमुख मेहता
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