दूसरों के लिए
दूसरे की शादी में आप बन जाते दीवाने
दीखते बिलकुल नटखट ओर दीवाने
कोई कहता क्या जूनून है इस उम्र में भी
बस इसी तरह से भी पेश आएंगे कब्र में भी।
क्या ढूंढते है लोग उस राख में
जहाँ उन्हें मिल जाना है बाद में
बाद में सोच आती है अच्छे आदमी के लिए
कभी नहीं भरी हामी उसके अंतिम क्षण के लिए।
क्यों तलाश है तुम्हे अच्छे लोगों की?
जिनकी आप पेहचान ते नहीं तनिक भी
फिर भी चाह है की अच्छा परिचय हो जाए
अपनी भी खासियत दिखाई दे और नाम हो जाए।
खुद भूल जाते की उनका जीवन एक पानी बुलबुला है
नहीं पता किसी को और अंत खुला सच है
नहीं कर पाए जिंदगी में कुछ दूसरों के लिए
और भेट चढ़ गए गुमनामी के समंदर में।
कोई बात नहीं 'देर आये दुरस्त आये'
सब के विचार आपको भाये
कुछ तो सोचा आपने अच्छे आदमी की तलाश के लिए
अपना बाक़ी जीवन बिताने दूसरों के लिए।
R K Khandhar RK Awesome ji Unlike · Reply · 1 · 1 min
कोई बात नहीं देर आये दुरस्त आये सब के विचार आपको भाये कुछ तो सोचा आपने अच्छे आदमी की तलाश के लिए अपना बाक़ी जीवन बिताने दूसरों के लिए।
This poem has not been translated into any other language yet.
I would like to translate this poem
x jairam tiwari Unlike · Reply · 1 · Just now toda