एक बहाना है
हम यूँही लुट जाएंगे
यदि देश के राजकारणी सोते रहेँगे
आपस में झगड़ा करके देश की शान में गुस्ताखी करते रहेंगे
पर यह नहीं सोचेंगे की देश अधोगति की और जाता रहेगा
एक राजकारणी देश चलाने में मदद मांग रहा
मानो वह अनपढ़ और भिलह मांग रहा
अनुशाशनहीनता का नाम तक उसने मिटा डाला
अपनी साख ओर विधानसभा का अपमान कर डाला।
देश का संविधान है सर्वोपरि
नहीं कोई आदमी ओर फॅमिली
हो सकता है उन्होंने ज्यादा बलिदान दिया हो
पर कब तक उस विधान को दोहराना हो।
देश जल रहा और ये लोग उसमे घी डाल रहे
पूरी कवायत के दौरान घसघसाट सोते रहे
अब ये बताने की कोशिश करेंगे की वो गहन सोच में थे
लोगो के बारे मे शर्मिंदगी महसूस कर रहे थे।
पैसा खुले आम बँट रहा है
जहाँ चाहो दंगा हो रहा है
लोगो को बहकाया जा रहा है
देश जाती के राजकारण में फिर से उलझ रहा है.
मत करो ये खानाख़राबी
देश में भरे पड़े है शराबी
कौन क्या बोल रहा पता नहीं
देश का सुकान अच्छा आदमी समाल पाता नहीं।
हमारे आपके बिचार भिन्न हो सकते है
आपकी कथनी और करनी अलग हो सकती है
पर देश अपना है और उसे चलाना है
मज़बूरी दिखाना तो एक बहाना है।
हमारे आपके बिचार भिन्न हो सकते है आपकी कथनी और करनी अलग हो सकती है पर देश अपना है और उसे चलाना है मज़बूरी दिखाना तो एक बहाना है।
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हमारे आपके बिचार भिन्न हो सकते है आपकी कथनी और करनी अलग हो सकती है पर देश अपना है और उसे चलाना है मज़बूरी दिखाना तो एक बहाना है।