फानी दुनिया... Fani Poem by Mehta Hasmukh Amathaal

फानी दुनिया... Fani

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फानी दुनिया
गुरूवार, २८ मार्च २०१९

ये दुनिया है फानी
मुश्किल मे है जिंदगानी
सब को है जान है प्यारी
सब को लगे अच्छी और न्यारी।

सब को भाई सूरत प्यारी
मन को गलगी अच्छी सुंदरी
किस्मतवाले उसे पा जाते
जीवन में हंसी को बाँट पाते।

खुश रहता और ख्सुशियाँ बांटता
करो काम ऐसा की हो जाय नामना
परख करके दिल को मनाना
उसी से पूरी हो जाती आपकी कामना।

दुनिया का दस्तूर है अजीब
ख़ुशी कम और ज्यादा कचकच
कोई नहीं मिलता आपको सुखी
यही है मानवजात की खूबी।

ना रह सको इस से भिन्न
रेहते सभी दुनिया सेखिन्न
आ जाता है ऐसे ही अंत
हमें भी लगता है ब्रह्माण्ड अनंत।

हसमुख मेहता

फानी दुनिया... Fani
Thursday, March 28, 2019
Topic(s) of this poem: poem
COMMENTS OF THE POEM
Mehta Hasmukh Amathalal 28 March 2019

ना रह सको इस से भिन्न रेहते सभी दुनिया सेखिन्न आ जाता है ऐसे ही अंत हमें भी लगता है ब्रह्माण्ड अनंत। हसमुख मेहता Hasmukh Amathala

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Mehta Hasmukh Amathaal

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Vadali, Dist: - sabarkantha, Gujarat, India
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