बदतमीज़ी, बदसलूकी —
बेअदब से न कभी पेश होना चाहिए।
अगर कोई ऐसा करे, भला,
उस पर तो केस होना चाहिए।
खुशियाँ हों हर महफ़िल में,
मोहब्बत हो हर दिल में।
ऐ ‘आनन्द', ऐसा अपना
भारत देश होना चाहिए।
जहाँ नफ़रत की जगह न हो,
हर इंसाँ का सम्मान हो।
जात-पात के बंधन टूटें,
हर दिल में हिन्दुस्तान हो।
मज़दूर को मिले उसका हक़,
किसान का सिर ऊँचा हो।
शिक्षा, सेवा, सच्चाई की
हर गली में चर्चा हो।
भ्रष्टाचार मिटे ज़मीं से,
इंसाफ़ ही पहचान रहे।
सत्य, अहिंसा, भाईचारा —
भारत माँ की शान रहे।
✍️ गया प्रसाद आनन्द 'आनन्द गोंडवी '
मो.9919060179
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