हम क्यों ज्यादा आग्रही और हठी है
मेरे चमन के फूलो, क्या हो गया है आपको?
देश का सुकान सम्हालना है आपको?
क्यों आप खेल रहे हो किसी का खिलोना बनकर?
आपने करना है कायाकल्प समय आने पर
साठ साल आपने सहे है झुलम सेहमे होकर
दे दीजिये थोड़ा समय कुछ ओर सोच कर
ये कोई मामूली इम्तेहान नहीं है
आपने देश की रखवाली करनी है।
आपने कहा वो सच सच है
समय का सब को घ्यान है
बड़ी मुश्किल से सरकार पाँव जमा रही है
आप कुछ समय तो दे, वो सोच तो रही है।
आप क्यों अड़े है अपनी मांगो पर?
जब भरोसा दिया गया है सोचने पर
आप ऐसा कुछ भी ना करे जिसे लोग परेशान हो
आम नागरिक परेशान हो और ज्यादा हैरान हो।
मेहनत आपने करनी है
कौशल आपने दिखक्ना नै
कुछ मापदंड ही जिसे सरल बनाने की लड़त होनी चाहिए
ना की उसकी नाबुदी पर और मजबूत बनानी चाहिए।
आप यौवन धन हो और देश को बनाना है
कुछ सोच भी बदलनी है और अपनाना है
'कई लोग काबिल और सक्षम है
उन्हें भी अपने मकाम पहुंचाना है
कई राजकीय पार्टियां बेकाम हो चुकी है
उनके पास अब विरोध के कुछ नहीं है
बस देश जलता रहे, आग लगी रहे
युवा लोग सरेआम आगजनी करते रहें।
समस्या का हल आना ही है
हम सबने मुस्कुराना है
आप सोचे और समझे
बिना बात कभी ना उलझे।
देश है तो हम है
हम है तो अवाम है
जला दो वो भी अपना है
सम्हालो वो भी गरीब का है
कर लो विचार आने वाले कल के लिए
हमें देश को आगे बढ़ाना है गरीब के लिए
आजकल मौसम रूठा है, कुदरत रूठी है
तो फिर हम क्यों ज्यादा आग्रही और हठी है
Satish Gupta lazabaab bhaavo ki sunder abhivyakti..bhaut badhayi mitra.. 1 hr · Unlike · 1
DrArchana Gupta Bahut sunder rachna 55 mins · Unlike · 1
welcome ram krit nSeen by 35 Just now · Edited · Unlike · 1
JaiRam Tiwari Positive appeal based on objective analysis thro poem 3 hrs · Unlike · 1
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Rajendra Singh Shekhawat likes this. Hasmukh Mehta welcome Just now · Unlike · 1