हमारी धात्री
इतनी सी भी आप में झेंप नहीं
जा के बस इतना पूछे 'माँ तूने खाया है की नहीं '
तू बता रही थी तेरे को सरदर्द है और पावों में सूजन!
ला चल आज तुजे करा दु दंतमंजन।
जमाना बदल गया
इंसान भी साथ साथ बहक गया
ना रहा वो जजबा - इ -तूफ़ान
जब मिलने पर आ जाती थी मुस्कान।
ना करना उसका निश्चित स्थान
वो तो रहेगी ही महान
सह लेगी सब अपमान
कर लेगी कड़वे घुट के पान।
कब तक रुलाते रहोगे?
घर मे तो रखोगे न!
या फिर वृद्धाश्रम में छोड़ आओगे
अपने सुखकाल के दर्शन नहीं कराओगे?
उसके हाथ फिर भी उठेंगे
दुआओं का सिलसिला चालू रखेंगे
तुम नहीं आओगे फिर भी हालचाल पूछते रहेंगे
दूर रहते हुए भी नजरे टिकाये स्वगत पूछेगे।
मेरे लाल तू सुखी तो है?
तेरी सेहत तो अच्छी है ना?
दवाइ लेते रहना
और देर रात ज्यादा मत जग़ना।
ये है माता का सपना
हम भले करे उसकी अवमानना
वो तो सदा बनी रहेगी हमारी धात्री
सावित्री का विकल्प और दूसरी विधात्री।
welcoem veena pawan mehta Unlike · Reply · 1 · Just now
Mirtha Mosquera hermoso See translation Unlike · Reply · 1 · 13 hrs
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ये है माता का सपना हम भले करे उसकी अवमानना वो तो सदा बनी रहेगी हमारी धात्री सावित्री का विकल्प और दूसरी विधात्री।