हमारी परछाइयाँ
जलाने आये थे, जला के चले गये
खुद रोते थे ओर हमे रुलाके गये
हमें ना चाह थी यहाँ आने की
पर उन्होंने रोका नहीं ओर परवाह क़ी।
दुनिया ने मुझे खूब सताया
दुखी होने पर पानी भी ना पिलाया
में गिड़गिड़ाता रहा दुखभरी निगाहों से
उन्होंने परवाह न की मेरी आहो से।
मेरा दिल तो ऐसे भी टूट चुका था
शरीर यहॉँ था पर मे जा चुका था
फिर भी ना जाने क्यो गम सता रहा था?
दुनियाकी सही पहचान बता रहा था
हमारा दिल भी भीतर से रो रहा था
मन भी मन ही मन कुछ कहे जा रहा था
हम भी ये सच, मन से स्वीकार कर चुके थे
लोग भी अपने आप हमे भूल चुके थे।
वो चाहते तो हमे मिला सकते थे
मिलन की राह को हामी भर सकते थे
वो तो हो गये कातिल, मना हीं कर दिया
मौत मुख मे हमे, आगे कर दिया।
ना चाहकर भी मुझे जाना पड़ा
लोगों को भी मेरे पीछे रोना पड़ा
'अच्छा हुआ ' कहकर मन ही मन मुस्कुरा रहे थे
'खेर अब तो चला गया' आवारा मुझे बना रहे थे
ना चाहकर भी मुझे जाना पड़ा
लोगों को भी मेरे पीछे रोना पड़ा
'अच्छा हुआ ' कहकर मन ही मन मुस्कुरा रहे थे
'खेर अब तो चला गया' आवारा मुझे बना रहे थे
मुझे उनकी आवाज सुनाई नही दी
उनके कदमो की आहट भी कहीं नही थीं
शायद दुर से गम को भूला रहे होंगे
बताना चाहते होंगे पर गुमसुम रहे होंगे
में गुमनाम यु ही खाकेसुपूर्त हो गया
जनाजा निकला ओर देखते देखते राख हो गया
अब ना हम है ओर ना हीँ हमारी निशानियाँ
बस वो एक ही होगे हमारी परछाइयाँ
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Hasmukh Mehta welcome ramesh chand sai n sunita gour 5 secs · Unlike · 1
Manju Gehlot Kachhwaha jab jane ka tha taqdir mei hum chale gye Karte rhe intzaar tera ki khud hi intzaar bann gye Takaza nhi tha pyar ka mera Ki mujh pe elzaam lgate gye 47 mins · Edited · Unlike · 1
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welcome rajesh thakur 3 secs · Unlike · 1