इतने बेबस भी नही Itne Bebas Poem by Mehta Hasmukh Amathaal

इतने बेबस भी नही Itne Bebas

इतने बेबस भी नही

उस पल का इन्तेजार रहता है
जब दिल का तार जुड़ता है
एक गुदगुदी सी बदन में होती है
बस कोई गलती चयन में नहीं दिखती है।

बस एक दिल ही तो अपना है
बाकी सब नाम का है
रिश्ते नाते तो ठीक है
पर दिल बिलकुल बेबाक है।

कोई तो लिखा होगा मेरे किस्मत में
जो सम्हाल लेगा हिम्मत से
में भी चली जाउंगी सबकुछ छोड़छाड़ कर
सब देखते रह जाएंगे वाह वाह कहकर।

कई आए मनचले दिल पर कब्जा जमाने
कई वादे किए और प्रलोभन दिए लुभावने
मैंने सब को चलता कर दिया ये कहकर
'सोचकर बताउंगी उत्तर दिया हंसकर'

मुझे याद आयी उस पहाड़ की चोटी की
जो बर्फाच्छादित है और शान है घाटी की
कितने उत्तुंग दीखते है ये शिखर
अपने आप में बेखबर बेखबर और प्रखर।

मुझे भी मिलेगा अपना साथी जीवनभर
मै भी सोचती रहूंगी दिनभर
खेर! जिंदगी पर किसीका बस नहीं
पर हम इतने बेबस भी नही।

इतने बेबस भी नही Itne Bebas
Wednesday, November 30, 2016
Topic(s) of this poem: poem
COMMENTS OF THE POEM
Kumarmani Mahakul 30 November 2016

कोई तो लिखा होगा मेरे किस्मत में जो सम्हाल लेगा हिम्मत से में भी चली जाउंगी सबकुछ छोड़छाड़ कर सब देखते रह जाएंगे वाह वाह कहकर।.... interesting and feelingful expression. Beautiful poem shared. Thanks for sharing.....10

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Kumarmani Mahakul 30 November 2016

कोई तो लिखा होगा मेरे किस्मत में जो सम्हाल लेगा हिम्मत से में भी चली जाउंगी सबकुछ छोड़छाड़ कर सब देखते रह जाएंगे वाह वाह कहकर।.... interesting and feelingful expression. Beautiful poem shared. Thanks for sharing.....10

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Kumarmani Mahakul 30 November 2016

कोई तो लिखा होगा मेरे किस्मत में जो सम्हाल लेगा हिम्मत से में भी चली जाउंगी सबकुछ छोड़छाड़ कर सब देखते रह जाएंगे वाह वाह कहकर।.... interesting and feelingful expression. Beautiful poem shared. Thanks for sharing.....10

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Mehta Hasmukh Amathalal 30 November 2016

मुझे भी मिलेगा अपना साथी जीवनभर मै भी सोचती रहूंगी दिनभर खेर! जिंदगी पर किसीका बस नहीं पर हम इतने बेबस भी नही।

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Mehta Hasmukh Amathaal

Mehta Hasmukh Amathaal

Vadali, Dist: - sabarkantha, Gujarat, India
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