जीना है मैंने
जीना है मैंने
सजाना है मैंने
कुछ तो बाकी है
पूरा करना है मैंने।
ठान ली है मन में
सोच लिया है जीवन में
करेंगे वोही जो मेरा मन चाहे
समय भले ही छूट जाए।
मेरे विश्वास अटूट है
उपरवाले पर और उनपर
कभी ना दुःख देनेवाला
और कभी ना रुलानेवाला।
यही मेरी दिली दास्ताँ है
वो मेरा फरिश्ता है
जोड़ी भले ना बन पाए
वो मेरा सच्चा मददगार है।
मुझे क्या चाहिए उनसे?
बस एक गुझारिश है उनसे
कभी फुलोमे आके बस जाया करो
अपनी हंसी को भंवरो के कान मे फंक दिया करो।
मैंने किसी से नहीं कहना
बस आगे बढ़ता ही रहना
नाम उसीका बसाके रहना
सब रंगो की माला पहनकर ही रखना।
welcoem bijendra singh tyagi Like · Reply · 1 · Just now
मैंने किसी से नहीं कहना बस आगे बढ़ता ही रहना नाम उसीका बसाके रहना सब रंगो की माला पहनकर ही रखना।
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welcome aashalibhardra mehta Like · Reply · 1 · Just now · Edited