जीवन दरिया... Jivandariya Poem by Mehta Hasmukh Amathaal

जीवन दरिया... Jivandariya

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जीवन दरिया
सोमवार, १ अप्रैल २०१९

नहीं होना था प्यार
मगर दिख गए आसार
लगा हमें अच्छा संसार
और उनका व्यवहार।

जीवन मे और क्या चाहिए?
एक अच्छी गुनियल पत्नी चाहिए
संसार सुख से चलता रहेगा
जीवन में सब कुछ अच्छा लगेगा।

मेरा मन मुझे कहने लगा
संसार में ये सब होता रहेगा
कभी धुप और छाँव का सामना करना पडेगा
जो भी होगा उसे देखा जाएगा।

जीवन मझधार में तो है
पर हमें होशिआर रहना है
सब चीजों को ध्यान से देखना है
अपना नुक्सान ना हो उसका ख्याल भी करना है

संसार कहते है "दरिया " है
जितना डुबो उतना ही गेहरा हो जाता है
हमें डूबना नहीं, आसानी से तैरना है
जो भी हो उसका सामना करना है

हसमुख मेहता

जीवन दरिया... Jivandariya
Monday, April 1, 2019
Topic(s) of this poem: poem
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Mehta Hasmukh Amathaal

Mehta Hasmukh Amathaal

Vadali, Dist: - sabarkantha, Gujarat, India
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