कैसे हो सकते है अनाथ Kaise Poem by Mehta Hasmukh Amathaal

कैसे हो सकते है अनाथ Kaise

कैसे हो सकते है अनाथ

चलोना हमारे साथ
दे दो अपना हाथ
खूब जमेगा संगाथ
रहेंगे भी हम साथ साथ।

जीवन का होना ही आशीर्वाद है
हमारा धरतीपर आना ही अपवाद है
कुछ तो उपरवाले ने सोचा ही होगा?
जो भी होगा बस अच्छा ही होगा।

आज नहीं तो कल
जरूर मिलेगा फल
धन की इतनी आवश्यकता नहीं
जीवन के प्रति जागरूकता सही।

वचन से हम बंधे रहे
कान के बेहरे और आँख के अंधे ना रहे
सुने सबकी पर करे अपने मन की
ना करे तुलना किसी के तन की।

जीवन है ऊंच नीच होता रहेगा
आज बुरा तो कल अच्छा हो जाएगा
यही जीवन का फ़लसुफा है
जीवन का एक शगूफा है

हमें नहीं पता जीवन और क्या है?
इसके मायने और गहन विचार क्या है?
हम बस विश्वास रखते है ऍबे क़दमों पर
दो हाथ सलामत है तब तक हंसी रहेगी चेहरे पर।

हमने अपना जीवन सुधारना है
लोगों के केहने पर नहीं बहकना है
अपना हाथ जगन्नाथ और बाकी ऊपरवाला नाथ
हम फिर कैसे हो सकते है अनाथ?

कैसे हो सकते है अनाथ Kaise
Monday, May 29, 2017
Topic(s) of this poem: poem
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हम बस विश्वास रखते है ऍबे क़दमों पर दो हाथ सलामत है तब तक हंसी रहेगी चेहरे पर। हमने अपना जीवन सुधारना है लोगों के केहने पर नहीं बहकना है अपना हाथ जगन्नाथ और बाकी ऊपरवाला नाथ हम फिर कैसे हो सकते है अनाथ?

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Mehta Hasmukh Amathaal

Mehta Hasmukh Amathaal

Vadali, Dist: - sabarkantha, Gujarat, India
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