कैसे हो सकते है अनाथ
चलोना हमारे साथ
दे दो अपना हाथ
खूब जमेगा संगाथ
रहेंगे भी हम साथ साथ।
जीवन का होना ही आशीर्वाद है
हमारा धरतीपर आना ही अपवाद है
कुछ तो उपरवाले ने सोचा ही होगा?
जो भी होगा बस अच्छा ही होगा।
आज नहीं तो कल
जरूर मिलेगा फल
धन की इतनी आवश्यकता नहीं
जीवन के प्रति जागरूकता सही।
वचन से हम बंधे रहे
कान के बेहरे और आँख के अंधे ना रहे
सुने सबकी पर करे अपने मन की
ना करे तुलना किसी के तन की।
जीवन है ऊंच नीच होता रहेगा
आज बुरा तो कल अच्छा हो जाएगा
यही जीवन का फ़लसुफा है
जीवन का एक शगूफा है
हमें नहीं पता जीवन और क्या है?
इसके मायने और गहन विचार क्या है?
हम बस विश्वास रखते है ऍबे क़दमों पर
दो हाथ सलामत है तब तक हंसी रहेगी चेहरे पर।
हमने अपना जीवन सुधारना है
लोगों के केहने पर नहीं बहकना है
अपना हाथ जगन्नाथ और बाकी ऊपरवाला नाथ
हम फिर कैसे हो सकते है अनाथ?
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हम बस विश्वास रखते है ऍबे क़दमों पर दो हाथ सलामत है तब तक हंसी रहेगी चेहरे पर। हमने अपना जीवन सुधारना है लोगों के केहने पर नहीं बहकना है अपना हाथ जगन्नाथ और बाकी ऊपरवाला नाथ हम फिर कैसे हो सकते है अनाथ?