'खिलखिलाके हंस दिए ': khilkhilake Poem by Mehta Hasmukh Amathaal

'खिलखिलाके हंस दिए ': khilkhilake

Rating: 5.0


'खिलखिलाके हंस दिए ':

छेड़ दिया हमें यह कहकर 'आप मुझे पसंद नहीं'
हवा निकल गयी गुब्बारे की बस अब आनंद नहीं
सोचते रहे दिन रात भर 'क्या किया जाय जान को मनाने'
लगा दिए सब शरीर के पुर्जे काम पर 'कुछ ढूँढ लाने '

पूनम के दिन भी हमारा चाँद नहीं निकला
नाहीं शांति मिली और नाही सुलझा मसला
अब तो मन की शांति भी जवाब देने लगी
कुछ भी कर पांने की आस भी छूटने लगी।

ना रागनी अच्छी लगती थी और नहीं कोई संगीत
बस सब जान के दुश्मन लगते थे और ये बेसुरे भी गीत
मुझे फिर भी लगा 'कुछ तो उन्हों ने सोचा होगा'
उनके दिल में यह संशय की 'हमने कुछ जरूर छुपाया होगा '

गाड़ी अच्छी भली चल रही थी
हवाएँ भी खूब साथ दे रही थी
ना जाने ये दिल में ख्याल उनके क्यों आया?
हमको भी मजबूर किया और खूब रुलाया।

लगा बाजी हाथ से फिसल रही है
अंदर से आत्मा कराह रही है
बार बार उनसे बात करने को जी चाह रहा है
मन भी धीरे से ये बात दोहरा रहा है

एक दिन कुछ ऐसा ख़याल मने में आया
में चुपके से उनके पास पहुँच गया
वो कोपायमान थी और गुस्से से भरपूर
कर दी बारिश दुआंधार और हम हो गए चकनाचूर।

बस यह गुस्से ने अपना काम कर दिया
मन में एक आग थी उसको ठंडा कर दिया
वो रो दिए और हमें विचलित सा कर दिया
हम आये थे दिलासा देने हमें खुद ही रुला दिया।

'इतना सोचने की जरुरत नहीं'
'दिल में नफरत के लिए कोई जगह नहीं'
हमने उन्हें कई शब्द प्यार से कह दिए
वो भी समज गए और 'खिलखिलाके हंस दिए ':

Monday, June 9, 2014
Topic(s) of this poem: poem
COMMENTS OF THE POEM

Seen by 2 Keshav Kumar likes this. Keshav Kumar WAH ATI MADHUR KAVITA SIR 10 hrs · Unlike · 1

0 0 Reply

Narendra Dubey wah 10 hrs · Unlike · 1

0 0 Reply

Mangatrai Rai likes this. Hasmukh Mehta welcome Just now · Unlike · 1

0 0 Reply

Sarabjit Jarewal likes this. Hasmukh Mehta welcome Just now · Unlike · 1

0 0 Reply

welcome Ramesh Chand Sai likes this.' Just now · Unlike · 1

0 0 Reply

Nudrat Nawaz dad deni zaruri hai khub mehta ji. 3 hrs · Unlike · 1 Hasmukh Mehta welcome nudrat ji Just now · Unlike · 1

0 0 Reply

welcome sanjay kurmi Just now · Unlike · 1

0 0 Reply

Aakash Verma likes this. Hasmukh Mehta wwelcome Just now · Unlike · 1

0 0 Reply

welcome dk pal hardoi gujjar Just now · Unlike · 1

0 0 Reply

Seen by 3 Arneja KS likes this. Arneja KS ???? ?????? ????? 9 mins · Unlike · 1

0 0 Reply
READ THIS POEM IN OTHER LANGUAGES
Mehta Hasmukh Amathaal

Mehta Hasmukh Amathaal

Vadali, Dist: - sabarkantha, Gujarat, India
Close
Error Success