खुबसुरती को पाना
Friday, May 11,2018
11: 45 AM
भोली सी सूरत
और ऊपर से खूबसूरत
चेहरा तो है ढका हुआ
मासूमियत से छलकता हुआ।
हम समझ नहीं पाए
क्या क्या बिचार मन में आ गए
कहीं छलावा तो नहीं?
हम बिन बुलाए मेहमान तो नहीं?
चेहरे पे नकाब
दिल हुआ बेताब
देखा जाएगा आगे आगे
वो रहेगी आगे हम रहेंगे पीछे।
जैसे पानी से भरा तालाब
रंगीन और आफताब
वैसे ही थे वो रूपरूप के अम्बार
हमने भी सोचा कई बार।
कहीं हनी ट्रैप तो नहीं
ये ट्रिप महंगा तो पडेगा नहीं?
दिल ने सोचा"मंजूर कर लो शर्त "
भले ही बेड़ा हो जाय गर्क
परवाने यूँही नहीं मरते दिये के आसपास
खूबसूरत होता है एहसास
जिया तो क्या जिया खुनसुरत बीबी के बिना
ये भी ख़ास बात है खुबसुरती को पाना
welcome Сиддхарт Путин 4 mutual friends 1 Manage Like · Reply · 1m
खुबसुरती को पाना Friday, May 11,2018 11: 45 AM भोली सी सूरत और ऊपर से खूबसूरत चेहरा तो है ढका हुआ मासूमियत से छलकता हुआ। हम समझ नहीं पाए क्या क्या बिचार मन में आ गए कहीं छलावा तो नहीं? हम बिन बुलाए मेहमान तो नहीं? चेहरे पे नकाब दिल हुआ बेताब देखा जाएगा आगे आगे वो रहेगी आगे हम रहेंगे पीछे। परवाने यूँही नहीं मरते दिये के आसपास खूबसूरत होता है एहसास जिया तो क्या जिया खुनसुरत बीबी के बिना ये भी ख़ास बात है खुबसुरती को पाना Hasmukh Amathalal
This poem has not been translated into any other language yet.
I would like to translate this poem
welcome imposible Posible 5 mutual friends Friend Friends