कोई भूल से भी ना केह दे
वो रोते नहीं
बस उनके बस में नहीं
आप थोड़ा सा कह दो
नयन हो जाते है गीले दो।
न देना कोई भी तकलीफ
हम ठहरे मुफ़लिस
हम क्या जाने आंसुओ की तासीर
उसकी तो है अलग से तस्वीर।
वो हमारे कायल है
वचन से घायल है
ना दिलाना याद
बस बढ़ जाएगा विवाद।
वो हमारी किस्मत है
गरीब की एक अस्मत है
हम जी जान से हिफाजत करेंगे
उनको दुःख हो ऐसी कोई भी इजाजत नहीं देंगे।
उनमे सच्चाई का भरोसा है हमे
तभी तो गए है हम उनके खेमे
उनका चाहना ही हमारी कामयाबी है
बाकी वो बोलते भी तेजाबी है।
खूबसूरती फुट फुट के भरी पड़ी है
आँखे बस इशारे की घडी है
कुछ बोल रह है पर हम सुन नहीं पाते
हरकत से ही हम अंदाज़ लगा पाते।
आंसू हम आने नहीं देंगे जीवनभर
ये वादा है और निभाएंगे उम्रभर
उनकी खुशहाली अब हमारा जिम्मा है
कोई भूल से भी ना केह दे हमे 'निकम्मा' है।
welcoem umang patel' Unlike · Reply · 1 · Just now
welcome rahul panchal Unlike · Reply · 1 · Just now
welcome prachi prajapati Unlike · Reply · 1 · Just now
welcoem nisha sharan Unlike · Reply · 1 · Just now
welcome naresh rohit Unlike · Reply · 1 · Just now
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welcome pallavi patel Unlike · Reply · 1 · Just now
welcome manisha vankar Unlike · Reply · 1 · Just now
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Atul Yadav Sir very nice poem Unlike · Reply · 1 · 9 mins