कुख से जन्म
मंगलवार। २९ मई, २०१८
यौवन ने दी दस्तक
बिदा हो गई पुस्तक
बस लोग कहने लगे
गुडिया को बिदा करो रंगसँगे।
मुझे भी फर्क लगा
बदन में कुछ ऐसा लगा
मानो नया कलेवर जाग उठा
मेरे सपनों को ले उड़ा।
"यही दुनिया की रीत है "
प्रीत की नहीं जीत है
पराए घर जाना है
दूसरों को अपना बनाना है।
मेरे को बनाएंगे विवाहिता
में हो जाउंगी परिणीता
लेख लिखती है विधाता
सबकी है उसमे मान्यता।
मैं बनूँगी तुलसी, किसीके आँगन की
महक जाउंगीबांके कस्तूरी हिरन की
नाम तो रोशन करुँगी ही पर ख्याल भी रखूंगी
माँ बाप का नाम रोशन करके चमकाऊँगी।
हमारा नाम दो जगह लिया जाता है
समाज को हरदम अच्छा काम सुहाता है
"हम से है दुनिया"दुनिया का रचयिता भी मानता है
"हमारी कुख से जन्म लेकर"महान कहलाता है।
हसमुख अमथालाल मेहता
Tribhawan Kaul भावों की बहुत सुंदर अभिव्यक्ति। वाह। हार्दिक धन्यवाद। :) 1 Manage Like · Reply · See Translation · 2h
Marivic Fernandez Montehermoso Tango-an Friend Friends
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हमारा नाम दो जगह लिया जाता है समाज को हरदम अच्छा काम सुहाता है हम से है दुनियादुनिया का रचयिता भी मानता है हमारी कुख से जन्म लेकरमहान कहलाता है। हसमुख अमथालाल मेहता