क्या इस तरह रोशन करना है?
मैंने ऐसा तो कभी नहीं चाहा था
मुझे हर शख्स को क्यों लुभाना था?
में जानता तो था कि कौन जूठा था?
पर ये सब प्रलोभन मेरे लिए नया ही था
'आप के घर में किते ने सभ्य है'?
बस ख्याल कीजियेगा में लोकसभा सभ्य हूँ
अपकी खातिरदारी करता रहूंगा
बस कुछ छोटी मोटी भेट सौंगाध भेजता रहूंगा
शाश्त्री जी मुझे याद आ गए
पिछले दिनों कि याद ताजा कर गए
जब पद छोड़ा था तब फ़िएट कार का भुगतान बाकी था
बस पैदल चलकर बस में घर को जो जाना था
आज कोई भी करोड़पति से कम नहीं
एकस्यामत थोड़े सालोमे ही कई गुनी हो गयी
गरीबो कि दोहाई देते हुए सब सोच रहे है
रूखी सुखी रोटी भी कैसे खिंचली जाय उसे जांच रहे है।
'घर होगा, पानी होगा और बिजली भी होगी'
किसी चीज़ के लिए कोई भी वसूली नहीं होगी
बस रैनबसेरा में आओ और सुख कि नींद सो जाओ
बाकि जो कुछ देश में बचा है उसे लूट के ले जाओ।
हमारी भी येही सोच है और कायम करना है
मिलजुलकर खाना है और बदनाम नहीं करना है
जवान मरते रहे सरहद पर और मजदुर मरे सड़क पर
हम तो अड़ीग है हमारी शर्तों ओर अकड़ पर।
किसी ने कभी पूछा 'रोटी कैसे खा रहे हो'?
छत नहीं है तो कहाँ सो रहे हो?
भाव आसमान पर है तो कैसे गुजरबसर कर लेते हो?
आपको खिलानेवाले हाथ तो मौत को गले लगा रर्हे है
ये थप्पड़ और घुसा bhi ही खा लेते है?
जैल में होतो सुखसाहबी और ठाठ करलेते है
खाना सरकारी और मौज की कोई सीमा नहीं
अय मेरे ऐहले वतन तेरे लिए कुछ बचा hi नहीं।
किसीने केह भी दिया ' जो मौत देता है उसी को वापस दे दो'
ऐसे मतलबियों को पास में भी न आने दो
क्यों माँ बेटियों की इज्जत को लिलाम करना है?
देश का नाम क्या इस तरह रोशन करना है?
H.l. Niresh VERY NICE VERY TRUE MESSAGE TO THE SOCIETY 2014-04-09 15: 25 GMT+05: 30 Hasmukh Mehta [ 8 hrs · Unlike · 1
Hasmukh Mehta welcome krishan garg n deepu singh 3 secs · Unlike · 1
Hans Peripherals likes this. Hasmukh Mehta welcome 2 secs · Unlike · 1
Tejash Doshi likes this. Hasmukh Mehta welcome 3 secs · Unlike · 1
Minakshi Khatauli bahut sundar 12 hours ago · Unlike · 1
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Hasmukh Mehta welcome suresh srivastav 2 secs · Unlike · 1