लागू पाय.... Laggu Poem by Mehta Hasmukh Amathaal

लागू पाय.... Laggu

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लागू पाय

शनिवार, २७ जुलाई २०१८

लागू पाय गुरुजी
चरणों माँ नमन करुजी
ज्ञान के स्रोत ही तुम
उससे अनजान है हम।

जब जब अघ्यान ने मुझे घेरा
फिरसंकट छाया गेहरा
बिखर गया संसार सुनहरा
और काला बादल लगाने मंडरा।

गुरु बिना संभव नहीं
संसार तैरना आसान नहीं
गुरु है तो स्वर्ग की सीडी आसान
क्योंकि हम है सीधे सादे इंसान ।

गुरु की बानी
तारे अघ्यानी
हम सब तो ही मिटटी के पुतले
संसार की माया से कैसे निपटले।

घ्यान पाना सहज नहीं
उसको जीवन में उतारना आसान नहीं
बस सुन ने का साहस होना चाहिए
जीवन को और सरल बनाने का सोचना चाहिए।

हसमुख अमथालाल मेहता

लागू पाय.... Laggu
Saturday, July 28, 2018
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घ्यान पाना सहज नहीं उसको जीवन में उतारना आसान नहीं बस सुन ने का साहस होना चाहिए जीवन को और सरल बनाने का सोचना चाहिए। हसमुख अमथालाल मेहता

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Mehta Hasmukh Amathaal

Mehta Hasmukh Amathaal

Vadali, Dist: - sabarkantha, Gujarat, India
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