माहौल कर देना Mahol Poem by Mehta Hasmukh Amathaal

माहौल कर देना Mahol

माहौल कर देना

ना आता है हमें तैरना
तय है हमारा डूबना
पकड़ लेना हाथ हमारा जब डूब ने लगे
देना भरोसा पक्का जब जीवन संवर ने लगे।

हम वैसे तो डूब नहीं सकते
फिर भी कुछ कह नहीं सकते'
हो सकता है हमारा इरादा पक्का ना हो
और हम चाहते ही ना हो।

हम चाहते है कोई हमारा हाथ थामे
हमारी किश्ती को एक दिशा दे
हम सौंप दे हमारे सब अधिकार
बस दुब जाए उसके प्यार में और हो जाए एकाकार।

बस हमें डूबने ना देना
हमारा हाथ पकड के रखना
कर देना सलामत हमारी हस्ती को
ऐसा माहौल कर देना जिसे मिल जाए पैगाम बस्ती को।

हम प्यार के परिंदे है
जो उड़ते तो है
पर अपना कुछ नहीं सोचते
प्यार की ही बोली को समझते।

माहौल कर देना Mahol
Sunday, March 19, 2017
Topic(s) of this poem: poem
COMMENTS OF THE POEM
Mehta Hasmukh Amathalal 19 March 2017

welcome welcome rupal bhandari Unlike · Reply · 1 · Just now

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Mehta Hasmukh Amathalal 19 March 2017

welcome sungeeta mehta Unlike · Reply · 1 · Just now

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Mehta Hasmukh Amathalal 19 March 2017

welcome rajkumar agarwal Unlike · Reply · 1 · Just now

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Mehta Hasmukh Amathalal 19 March 2017

ना आता है हमें तैरना तय है हमारा डूबना पकड़ लेना हाथ हमारा जब डूब ने लगे देना भरोसा पक्का जब जीवन संवर ने लगे।

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Vadali, Dist: - sabarkantha, Gujarat, India
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