मेरा सवेरा
Monday, May 14,2018
5: 15 PM
मैं तो देखती ही रह गई
आपकी युवानी काम कर गई
मै नहीं जानती थी, ऐसा करिश्मा हो जाएगा
मेरी जिंदगी में तूफ़ान ले आएगा।
शादी तो तो हमारी हो गई थी
बस यह पहली बार, मिलने की घडी आई थी
मैटो धरातल की तरह तृप्त हो गए
एक मीठी सी कम्पन मेरे में समा गई।
अगला समा क्या होगा?
मेरे सवेरा कैसा होगा?
वो नहीं बोले कुछ भी!
में देखती रह गई फिर भी।
में नदी की तरह उफान पपार थी
आकाश की और लम्बी उड़ान भर ली
मेरी ख़ुशी का कोई ठिकानानहीं था
मेरे उदर में जो एक, नया जी पल रहा था।
में माँ जो बननेवाली थी
कुटुंब को नया वारिस देनेबाली थी
"कुलदीपक"का नामदेकर खुशियाँ मना रहे है
मेरा तो जैसे मान ऊपर की और बढ़ रहा है।
दाम्पत्यजीवन यह एक सुनहरा प्रसंग होता है
हर घर में उमंग का माहोल होता है
हर कोई सभ्य, एक ही बात करता है
कुटुंब का हित और मान का अवलोकन होता है।
हसमुख आमथलाल मेहता
welcome s.r. Chandrslekha 38 mutual friends Friend Friends
welcome Surender Singh Dua 4 mutual friends Add Friend 1 Manage Like · Reply · 1m
Roma Kaur Bahut acchi kavita hai ji 1 Manage Like · Reply · 2h
Rakesh Choudhary Rakesh Choudhary · Friends with Roma Kaur jii.so good 1 Manage Like · Reply · 2h
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दाम्पत्यजीवन यह एक सुनहरा प्रसंग होता है हर घर में उमंग का माहोल होता है हर कोई सभ्य, एक ही बात करता है कुटुंब का हित और मान का अवलोकन होता है। हसमुख आमथलाल मेहता