आज मुझे सिर्फ रोना है
आज मुझे सिर्फ रोना है
आपके साथ दुःख बाँटना है
जो चीज़ को आप उत्साहित कर रहे थे
उसने ही आपका अहित कर दिया है।
अल्ला ताला ने एक ही चीज़ सिखाया
महोब्बत और प्यार का जज्बा दिखाया
पता नहीं हमने उसका क्यों उलटा मतलब लगाया?
आज पूरी कॉम और मुल्क पर तहोमत आया।
मासूम बच्चो की चीख मेरे कानो मे गूंज रही है
सिसकियाँ बार बार मेरे कानों में सुनाई दे रही है
कैसे हाथ चले होंगे उनके सिनोंको छलनी करने के लिए
क्या सोचा होगा उन्होंने मरने मारनेके लिए
मेरे देश में यही गूंज है
बस हर जगह से उठी हुई एक ही आवाज है
ये कौनसा नया मजहब जन्म ले रहा है?
जो गुलशन से गुल ही मिटा देना चाहता है
महोबत से भरा ईमान और कोई हो नहीं सकता
सच्ची लगन से की हुई इबादत को कोई रोक नहीं सकता
'मानो तो सबकुछ यहां ही है' यही तो मजहब सिखाता
मेरे हाथ में क्या है वो में क्यों नहीं जानता?
आज हर घर में अँधेरा है
हर माँ बाप को चिंता ने घेरा है
मेरे ही मुल्क में 'दहशततगर्द' क्यों पल रहे है?
क्यों ये लोग 'सरदर्द' बने बेखौफ घूम रहे है?
मेरी एक ही अर्ज है और दुआ मांगता हूँ
हमारे करम बच्चों को क्यों दिए जाते है?
हमें बक्श दो इन जालिमों से जो मौत की होली खेल रहे है?
हमारे अमन चेन को मिटटी में क्यों मिला रहे है?
निर्ममतापूर्वक मारे गये उन मासूम बच्चों की याद में एक फूल सामने रखते हुये मैं आपकी कविता की यह पंक्तियाँ दोहराना चाहता हूँ- आज मुझे सिर्फ रोना है / आपके साथ दुःख बाँटना है.
welcome.............Aqdas Majeed Just now · Unlike · 1
nathaniel E, Nathaniel E. Bassey 5 mins · Unlike · 1
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आज मुझे सिर्फ रोना है आपके साथ दुःख बाँटना है जो चीज़ को आप उत्साहित कर रहे थे उसने ही आपका अहित कर दिया है।