मूल धारा
देश का ढांचा पूरा बिगड़ा हुआ है
लोगो के मन में देश के प्रति समभाव बिगड़ा हुआ है
सब को फोगट में चाहिए और बस एक ही इच्छा
कोई ना पूछे उन्हें और ना करे पृच्छा।
देश का माहौल कई सालों से बिगड़ा
देश की राजनीती पर चंद कुटुम्बों ने किया कब्जा
बस पाँव में गिरने की भी इच्छा जाहिर की देश के सर्वोच्च पद पर बिराजमान राष्ट्रपति ने
मानो पूरा देश कर दिया गया हो हवाले!
पहले सूत्र आया 'गरीबी हटाओ'
फिर क्या हुआ? गरीब ही मिट गए
फिर आया तुष्टिकरण का नया जामा
चारो और होने लगा हंगामा।
देश में बदलाव की हवा आयी
चारु घोटाला और कई घोटाले ने राजनितिक हवा बिगाड़ी
पुराणी पार्टी की मानो हवा ही निकल गयी
उनकी रही सही साख मिटटी में मिल गयी।
आज सब शक के दायरे में है
देश चारो और सुलग रहा है
कई जगह ट्रैन पटरी से उतर रही है
तो कई जगह पुलिस पार्टी पर हमला किया जा रहा है।
नक्सलवादी और वादी में आतंकवादी सर उठा रहे है
इसका मूल कारण अनुच्छेद ३५ और धारा ३७० है
विध्वंसकारीओने बहार के मुल्कों से चंदा इकठा किया है
और देशको तोड़ने की चेष्टा में लगा दिया है।
समय आ गाया है देश को एक सूत्र में पिरोने का
देश चलेगा संविधान से और सबको मनाने का
जो नहीं मानता संविधान को उसे देश छोड़ना होगा
देश की हर मूल धारा में बहना होगा।
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समय आ गाया है देश को एक सूत्र में पिरोने का देश चलेगा संविधान से और सबको मनाने का जो नहीं मानता संविधान को उसे देश छोड़ना होगा देश की हर मूल धारा में बहना होगा।