My Dream Poem by Ritesh Tiwari

My Dream

आज बहुतों की जुबां पे मेरा ज़िक्र हुआ,
हमारे भविष्य के बारे में उन्हें फ़िक्र हुआ,

कुछ कहते है कि मैं रस्ते से भटक गया हूं,
हक़ीक़त और सपनो के बीच अटक गया हूं,

कुछ कहते है कि तेरी बातें सुनने में अच्छे लगते है,
लेकिन ऐसी बाते और सपनो से घर नहीं चलते है,

सपनो के बारे में उनका अजीब सा शक़ है,
जैसे कि बड़े सपनो पे किसी और का हक़ है,

क्या सोच और सपने, इंसान देख कर आते है,
कौन समझाए उन्हें जो अपने सपनो पर,
अपने ही पैर रख कर जाते है।

कुछ कहते है कि तुम्हारे जैसे मेर भी सपने थे,
बड़ी - बड़ी बातें हमारे दिल में भी पनपे थे,
लेकिन मेरे सपने से पहले हमारे अपनों ने,
हमारे लिए कुछ सपने देखे थे,
मैंने अपने सपनो को ठुकराया,
उनके सपनो को अपनाया,
क्योकि वो मेरे अपने थे और हम उनके सपने थे।

हम आपके पैसले की बड़ी कद्र करते है,
आज आपने अपने सपनो को ठुकराया,
अपने सपने की जगह उनके सपने को अपनाया,
कल आप भी अपने सपने किसी और पे लगाएंगे,
अपने सपनो का जरिया आप उसे बनाएंगे,
वो भी आप की तरह सपनो की बलि चढ़ायेगा,
कुछ मौका था कर दिखने का उसे ठुकरायेगा,

आज कल अजीब सी बातें करते है कुछ लोग,
आपसे ज्यादा आपके बारे में जानते है वो लोग,
पलट कर जवाब न दीजियेगा वो बुरा मन जायेंगे,
बात करने की तमीज नहीं है और घमंडी भी बताएँगे,
बहुत देखि है जिंदगी उन्होंने और वो भविस्य जानते है,
आप हमेशा गलत होते हो सच्चाई सिर्फ वो जानते है,

ये सच है कि मैं एक अनजाने रस्ते पे चल रहा हूं,
कठिन है रस्ते, मंजिल दूर है लेकिन चल रहा हूं,
तो क्या फर्क पड़ता है कि लोग क्या कहेंगे,
जो मेरा दिल कहता है हम बस वही करेंगे,
गर नहीं मिली मंजिल तो ना ही सही,
लेकिन हमने कोशिश की, ये गर्व से कहेंगे।

Sunday, December 18, 2016
Topic(s) of this poem: motivational
COMMENTS OF THE POEM
Ritesh Tiwari 28 December 2016

Actually sr this poem is based on a Story where a boy seen a dream which he share with his parents, friends,neighbours but no one support him.. everyone discouraged him..but he never quit,he fight with every problems & work for his dream.

0 0 Reply
Kim Barney 18 December 2016

I wish I could read this, but I can't. I would like to know what your wish is. This is your first poem posted on this website. Welcome to Poem Hunter!

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