नफरत एक नासूर
प्रभु की बलिहारी देखो
सोचो और समझो
आपको पूरा शरीर दिया है
उसका एक एक पुर्जा लाखो और करोडो का है।
पर मन शैतान का दिया है
वो हरदम कोई ना कोई नुस्खा अपनाता है
अपने को ही पीठ के पीछे से वार करता है
दुश्मन होने का हर फर्ज निभाता है।
हरदम जलता रहता है
किसी के ऐश्वर्या को सहन नहीं कर सकता है
पर एक बात भुल जाता है
उससे सिर्फ क्षणिक सुख का आभास होता है।
दूसरे का घर कैसे जल सकता है
जब की आप ऐसी कामना करते है
उससे तो आपका ही घर जल जाएगा
ऐसा सोचना आपके लिए हानिकारक होगा।
पर आप का दिल हिरे सरीखा है
वो हमेशा नेक सारखा है ओर धड़कता है
उसके लिए ना कोई हरीफ है और नाही करीबी
पर वो जानता है कोन है फरेबी।
आप दिल का कहा मानिए
और चुपचाप देखते रहिए
हुकम सिर्फ उसका ही मानिए
क्योंकि उसके लिए नफरत एक नासूर है।
भगवान् सब कुछ दिया है
हमने क्या किया है?
छलावा के सिवा हम ने कुछ नहीं किया
जो भी आया राह में, उसका नुक्सान ही पहुंचाया
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भगवान् सब कुछ दिया है हमने क्या किया है? छलावा के सिवा हम ने कुछ नहीं किया जो भी आया राह में, उसका नुक्सान ही पहुंचाया
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