नहीं निभाते
मंगलवार, २३ अक्तूबर २०१८
करते रहते है सब से सच्चे वादे
पर कोई नहीं उसे निभाते
दुनिया का रुख पलट गया है
मनुष्य ने भी अपने आपको बदल दिया है।
मेरा मन भी यही कहता है
जीवन आपको अनुरूप बनाता है
सबसे मिलना पर अपने आपको बचता है
दुनिया कि रसम से बचते रहना है।
हवा के रुख में भी आया परिवर्तन
सदाचार और ईमानदारी का हो गया दहन
चारित्र का सरेआम हो रहा हनन
फिर कैसे सोचे और करे मनन?
सच्चे नहीं कोई बचानेवाला
झूठे की है आज बोलबाला
ज्यादा दिखावा और खुद का की चलन
सब जगह हो रहा चरित्रहनन।
हमारी एक चीज़ याद रखना
कभी ना संग होना और बुरे को सजा देना
आज नहीं तो कल, उसका पतन होगा
समाज का बहिष्कार और बदनामी से अपमानित होगा।
हसमुख मेहता
हमारी एक चीज़ याद रखना कभी ना संग होना और बुरे को सजा देना आज नहीं तो कल, उसका पतन होगा समाज का बहिष्कार और बदनामी से अपमानित होगा। हसमुख मेहता
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You are very right. People give promises telling that their promises are true but they very often do not keep. Promise given should be kept...10