नापाक जमीं को छूना नहीं चाहते
एक ही हल्ला काफी है
बस बाकी बची माफ़ी है
कर लो याद जिनको करना है
बस आगे तो दफ़न होना ही है।
आगे दरिया पीछे पहाड़ है
बस सुन लो तो शेर की दहाड़ है
एक ही बार में काम तमाम हो जाएगा
ये आपके कारनामे का अंजाम बुरा आएगा।
हम बर्बाद हो जाएगे
अंदर के दुश्मनो से अंजाम भुगतें गे
फिर भी जज्बा -ए - तूफ़ान दिखा देंगे
दुबारा हिंदुस्तान की और देखने की ख्वाहिश ही नहीं रखने देंगे
बहुत हो गया सताना
अब हो जाए दुसरा करबला
ढेर के ढेर नजर आएँगे
लाश किसकी है वो ही ढूंढ़ नहीं पाओगे।
सब्र का बांध अभी टुटा नही है
हमने आजतक किसी का कुछ लूटा नहीं है
हमारे पाँव नापाक जमीं को छूना नहीं चाहते
पर चारा नहीं रहेगा तो खात्मा ही करेंगे।
welcome somnath mohanty Unlike · Reply · 1 · Just now
welcoem rupal bhandari Unlike · Reply · 1 · Just now
सब्र का बांध अभी टुटा नही है हमने आजतक किसी का कुछ लूटा नहीं है हमारे पाँव नापाक जमीं को छूना नहीं चाहते पर चारा नहीं रहेगा तो खात्मा ही करेंगे।
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