निभाना वादा... Nibhana Poem by Mehta Hasmukh Amathaal

निभाना वादा... Nibhana

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निभाना वादा
गुरूवार, १४ मार्च २०१९

यदि करते हो हमसे वादा
फिर निभाना उसे सदा
करने जाओगे उसका उल्लंगन
फिर टूट जाएगा आपका वचन।

रखना बस एक ही उसूल
यदि हो भी जाए कुछ अनबन
कायम अरेहना अपनी बातपर
बस साथ निभाना जीवनभर।

मिलना होता संजोग से
होता वियोग कलह से
प्यारे में मर-मिट जाना
एक दूसरे का दिल ना तोड़ना।

करते रहो बाते, मिलते रहो
सपने हमेशा संजोते रहो
एक दूर का ख्याल भी रखो
मान-सन्मान की परख भी रखो।

नहीं मिलता यदि कोई किनारा
मारमारा फिरता कोई बिचारा
हिम्मत को कोई जब हार गया
मानो अपनी नाव को डुबो ले गया।

हसमुख मेहता

निभाना वादा... Nibhana
Thursday, March 14, 2019
Topic(s) of this poem: poem
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Mehta Hasmukh Amathaal

Mehta Hasmukh Amathaal

Vadali, Dist: - sabarkantha, Gujarat, India
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