प्रेम के सिवा
रविवार, २ सितम्बर २०१८
प्रेम के सिवा मेरा पास कुछ भी नहीं
यही मेरी एक खासियत रही
आप आजमालो मेरीमहोब्बत को
आप जरूर समझ पाओगे कुदरत हो।
हमने और कुछ नहीं माँगा है
सब कुदरत का लेखाजोगा है
जब से हमने होश पाया है
इसी बात को दिल से समझा है।
यदि यही कुदरत की हमें देन है
तो हम उस से वचनबद्ध है
मन से उग्र होना व्यर्थ है
क्यों की उसीमे ही समाया अर्थ है।
स्त्रियों का यही तो आभूषण है
बाकि सब चिझे गौण है
वही उनका दृष्टिकोण है
और जीवंत प्रमाण भी है।
बाहरी दिखावा आपको लालायित कर सकता है
आदमी सूरत देखकर फंस सकता है
पर सही आंकलन उसके जीवन में आने के बाद होता है
आदमी का भ्रम थोड़े ही वक्त के बाद ही टूट जाता है।
सही मायनो में देखो तो जीवन में ऊझाला आ जाता है
जीवनदर्शन की झलक पा जाता है
"जीवन क्या होना चाहिए "उस बात से सभान हो जाता है
मानो मानवजीवन पाकर धन्य हो जाता है।
हसमुख आमथलाल मेहता
सही मायनो में देखो तो जीवन में ऊझाला आ जाता है जीवनदर्शन की झलक पा जाता है जीवन क्या होना चाहिएउस बात से सभान हो जाता है मानो मानवजीवन पाकर धन्य हो जाता है। हसमुख अमथालाल मेहता
welcome dipak prajapati 1 Manage Like · Reply · 1m
. welcome Raval Shakriben 1 Manage Like · Reply · 1m
welcome Bhagora Shilendra Bhagora 1 Manage Like · Reply · 1m
welcome . shambhibhai locha 1 Manage Like · Reply · 1m
welcome Bhavesh Dadhaniya 1 Manage Like · Reply · 1m
bhadresh bhatt 1 Manage Like · Reply · 1m · Edited
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सही मायनो में देखो तो जीवन में ऊझाला आ जाता है जीवनदर्शन की झलक पा जाता है जीवन क्या होना चाहिएउस बात से सभान हो जाता है मानो मानवजीवन पाकर धन्य हो जाता है। हसमुख अमथालाल मेहता