राम मंदिर
शनिवार, २४ नवम्बर २०१८
मेरे राम को रेहनेकी जगह नै
लोग लड़ते झगड़ते यही
न्यायालय विवाद सुलझाता नहीं
सद्भावना का खत्मा होता यही।
राम को पैदा हुए हजारों साल
उनके शहर का है ये हाल
लोग कहते है वो जन्मे ही नहीं
लोगों की भावना की कदर करते नहीं।
आततायीओ के शिकार हुए सभी धर्मस्थल
बारी बारी आतंक को लोग सहते गए
आक्रमणकारीयो के कोई सिद्धांत नहीं
जो करे जुल्म उसकी तवारीख यहीं।
आज पूरा शहर उमड़ पड़ा है
भक्तों से और संतो से भरा पड़ा है
सब की इच्छा एक है
हमारे राम को भुलाना नहीं है।
राम तो बेस है हर दिल
आस्था का प्रतिक और संस्कृति का मेल
कौन पूछता है कहाँ है उनका महल?
बस बताओ कहाँ पैदा हुए राम, लक्ष्मण और भरत
हसमुख मेहता
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राम तो बसे है हर दिल आस्था का प्रतिक और संस्कृति का मेल कौन पूछता है कहाँ है उनका महल? बस बताओ कहाँ पैदा हुए राम, लक्ष्मण और भरत हसमुख मेहता