सामना
चला गया कल
नहीं रुका एक पल
आने वाला भी कल कहानी होगा
होनेवाला हो कर ही रहेगा
मुझे ही कुछ करना होगा
यह भावना होने से ही कुछ मिलेगा
अन्यथा भीड़ में खो जाना पडेगा
अंतिम पड़ाव से चिंतित रहना पडेगा
मैं कभी भी चिंता नहीं किया
जो मिला उसका सहर्ष स्वीकार दिया
कम से काम चला ने की हिम्मत को दाद देनी होगी
वरना अस्तित्व मिट जाने की घडी आती रहेगी।
सब कहते है
पर करता कोई नहीं है
भाषण हर कोई देता है
पर उसका रास्ता कोई नहीं दिखाता है।
बीत गया उसकी चिंता क्यों करे?
आनेवाले कल की चिंता में हम आज क्यों मरे?
जो भी होगा उसका निपटारा कर लिया जाएगा
जब चल ही पड़े हैं तो सामना तो होता रहेगा।
बीत गया उसकी चिंता क्यों करे? आनेवाले कल की चिंता में हम आज क्यों मरे? जो भी होगा उसका निपटारा कर लिया जाएगा जब चल ही पड़े हैं तो सामना तो होता रहेगा।
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Bharat Mumbai Great poem! Like · Reply · 1 · 6 hrs Remove