'समय का अभाव'
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दुनिया चलती रहे
निगाहें तरसती रहे।
कौन किसको पूछता है?
आंसू कौन लुछ्ता (पोंछता) है?
'समय का अभाव' सब का एक ही है जवाब
पर में कैसे कहूँ अपना दर्द आपको जनाब?
आपने अपनी नवाबी दिखादी
गुलबांगो की झड़ी लगा दी
बस हम तो झांसे में आ गये
सपने आपने दिखाये ओर खो हम गए।
आप कहते गए
हम सपने बुनते गए
आपने कुछ और अर्थ निकाला
तर्जे ऐसे पेश की जैसे हो कोई हम से दीवाना।
प्यार में सब बह जाते है
पर बाद में बहुत याद आते है
छूटने का गम तो सताता ही है
पर सारी रात रुलाता भी है।
मेरी आशीकी तो देखो
उसमे बहते रंगीन सपने को खोजो
कुछ तर्जे ऐसी मिलेगी
आप के कलेजे को भी झंजोड़ कर रख देगी।
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मेरी आशीकी तो देखो उसमे बहते रंगीन सपने को खोजो कुछ तर्जे ऐसी मिलेगी आप के कलेजे को भी झंजोड़ कर रख देगी।