सम्हाल लेना
Friday, January 12,2018
8: 15 AM
मैं थका नहीं तलाशते तलाशते
मेरे पाँव नहीं ठहरते
आगे बढ़ने की चाह में
सदैव किसी आस में।
गति को कम नहीं करना
हरदम आगेकूच करते रहना
मानो आस अभी छूटी नहीं
नाहिम्मत करने की कोशिश ही नहीं।
में भले ही कुछ ना कर पाउँ
पर डगर को तो आगे ही बढ़ता जाऊं
में छोटा सा अवश्य हूँ पर
पर हिम्मत को ठुकराता नहीं हूँ।
मैंने किस्ती का सहारा हीलेना
मंझिल की और आगे बढ़ जाना
तुफानो से ही मेरा वास्ता
मदद तो करेगा ही मेरा फरिश्ता।
मंझिल तो तय है
बस मुझे पहुंचना है
पांवो में मुझे प्रभु ताकत दे देना
कुछ अड़चने आ जाय तो सम्हाल लेना।
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मंझिल तो तय है बस मुझे पहुंचना है पांवो में मुझे प्रभु ताकत दे देना कुछ अड़चने आ जाय तो सम्हाल लेना।