सरदर्द है
नया नया था जमाना
उनका था यह फरमाना
हमने भी ये माना
पर मुश्किल नहीं था बताना।
हम लिपट जाते थे उनके आते ही
कह देते थे सबकुछ यूँही
उनको पता था हम छुपाकर नहीं रखेंगे
वो भी बड़े मझे से लुफ्त उठाते थे।
अब हमें कुछ नया करने की सोच आयी है
प्रेम करते करते उबासी हो गयी है
सोचते है कुछ रूठना असल में हो जाएँ
उनके सारे बहाने मिटटी में मिला दिए जाएँ।
वो आये दबे पाँव हमें अचंबित करने
पर हम भी तैयार थे प्रभावित करने
'सर दुःख रहा' कहकर करवट बदल ली
वो भी थोड़ा समज गए पर चुप्पी साध ली।
चलो कोई बात नहीं आज प्रोग्राम रद कर देते है
"आज बहार जाने का" और "डिनर लेने को" ना मना कर देते है
सोचा था मलाई कोप्ते और आइस क्रीम बढ़िया किस्म के खाएंगे
पर अब क्या? ब्रेड मंगवाकर शाम का जश्न मनाएंगे।
बस इतना सुनते ही मेरे मगज के तार हिलने लगे
पेट में लगी थी भुख पर वो तो अपने विचार पर आमादा थे
अब हमें इस चीज से बहार निकलना था
उनको यह कहना की 'सरदर्द है' बिलकुल बेईमानी था।
मैंने धीरे से पानी मांगा और हंस दिया
उन्होंने भी मेरा कहना मान लिया
'थोड़ा सा बहार भी नीकला करो'
चलो आज बाहर जाते हैं और खाने का कुछ ना करो।
मैंने धीरे से पानी मांगा और हंस दिया उन्होंने भी मेरा कहना मान लिया थोड़ा सा बहार भी नीकला करो चलो आज बाहर जाते हैं और खाने का कुछ ना करो।
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Nasim A Salim................................ [3 Unlike · Reply · 1 · 4 hrs