सरेआम फांसी
Tuesday, January 9,2018
8: 59 PM
में जीता गया
आंसू बहाकर
पर कभी ना पूछा?
बस आंसू ही पूछा।
मैंने दिल को टटोला
और पूछ ही डाला
क्यों प्यार करना गुनाह है?
उसका कोई गवाह है?
मैंने देशप्रेम को अग्रिमता दी
अपने सर्वस्व की बलिचढ़ा दी
कोई मुझे नाताएगा सरहद पर सैनिक क्यों बलिदान दे रहे है?
क्यों देश का पढ़ालिखा नागरिक अलगाववाद में लिप्त है?
देश के धन को लुटा जा रहा है
परस्त्री को सरेआम बदनाम किया लिया जा रहा है
ड्रग और मदिरा की तस्करी में लिप्त रहते है
देशप्रेम को सरेआम नीलाम करते है।
देश के बाहर देश को बदनाम करते हो
"दुश्मन देश को कहते हो, देश को बचाओ "
देश में विघटनकारी बम फोड़ते रहते है
रेल की पटरियों को हटाकर जानहानि करते है।
ऐसे देश के लिए सरमुखत्यार चाहिए
जो घरो में घुसकर आपका खात्मा करे
देशध्रोहिओं को देशनिकाला करे
गुनहगारो को सरेआम फांसी का एलान करे।
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मैंने दिल को टटोला और पूछ ही डाला क्यों प्यार करना गुनाह है? उसका कोई गवाह है?