सार्थक कर दिया Sarthak Poem by Mehta Hasmukh Amathaal

सार्थक कर दिया Sarthak

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सार्थक कर दिया

बुधवार, २७ जून २०१८

वक्त तो वक्त ही है
फ़क्त दिल को मनाना है
समय किसका रहा है तो रहेगा
जिंदगी लेता रहेगा जिंदगी देता रहेगा।

अच्छा वक्त भी हरदम नहीं रहता
बुरा वक्त भी यूँहि कट जाता
हर चीज का एक समय होता है
बस उसे निपटना हमारा कर्तव्य होता है।

दूध फट गया तो गीला नहीं करना
मावा मिल गया तो उत्साह में नहीं आना
समय का तकाजा है कि नजाकत को देखो
मिल जाय तो ठीक, ना मिले तो आसमां की और मत देखो।

नहीं रुकते उसके कदम हमारे सोचने से
नहीं रुकता हवा का रुख हमारे कहने से
ताल हमने मिलाना मिलाना है उसके संग
मिलजुल जाना है उसीके रंग।

जो हवा के संग हो लिया
और किश्ती को उसी और मोड़ दिया
मानो सफलता को उसी ने पा लिया
अपना जीवन सही मायनो में सार्थक कर दिया।

हसमुख अमथालाल मेहता

सार्थक कर दिया Sarthak
Wednesday, June 27, 2018
Topic(s) of this poem: poem
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जो हवा के संग हो लिया और किश्ती को उसी और मोड़ दिया मानो सफलता को उसी ने पा लिया अपना जीवन सही मायनो में सार्थक कर दिया। हसमुख अमथालाल मेहता

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welcome welcome ranjan yadav.. 1 Manage Like · Reply · 1m

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Mirii Miryam Nice poem sir Manage Image may contain: ocean, sky, nature, outdoor and water 1 Like · Reply · 6h

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Mehta Hasmukh Amathaal

Mehta Hasmukh Amathaal

Vadali, Dist: - sabarkantha, Gujarat, India
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