शरीर का ख़याल
मंगलवार, १२ फरवरी २०१९
शरीर का हम कितना ख्याल रखते है
जब बुखार से अंगअंग तपता है
तब भवन को याद करने लगते है
और दुआ मांगते है की किसीको भो दर्द ना आए।
मुजे अच्छी तरह से याद है
मेरी ऊँगली में चोट की वजह से दर्द हो रहा था
में बहुत बुरी तरह से कराह रहा था
और दर्द से पीड़ा रहा था।
दिन दर का पता नहीं चलता
रात में उसका बढ़ना शुरू हो जाता है
सोने की चेष्टा तो बारा नींद भंग कर देता
आँखों में नींद का प्रभाव नष्ट कर देता।
जानबूझकर दर को कोई न्योता नहीं देता
बिना दस्तक़ दिए अपने आप आ जाता
हड्डी का दुखना असहय होता है
मानो बुरी तरहपरवश कर देता है।
अकस्मात् अपने आप नहीं होता
वो तो दूसरों की वजह से भी हो जाता
शरीर बुरी तरह से घायल हो जाता
समयपर सारवार ना मिलने से मौत का बुलावा आ जाता।
हसमुख मेहता
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अकस्मात् अपने आप नहीं होता वो तो दूसरों की वजह से भी हो जाता शरीर बुरी तरह से घायल हो जाता समयपर सारवार ना मिलने से मौत का बुलावा आ जाता। हसमुख मेहता