शूली पर भी चढ़ने को तैयार Shuli Par Poem by Mehta Hasmukh Amathaal

शूली पर भी चढ़ने को तैयार Shuli Par

शूली पर भी चढ़ने को तैयार

बाकी सब अफवाह है
आप क्यों अमीर परिवार में पैदा नहीं हुए?
आपका परिवार क्यों ऐश्वर्य में राचा नहीं?
क्यों आपके परिवार ने सच को समुचा ठुकराया नहीं?

इसके बावजुद भी आप चट्टान की तरह खड़े हैं
सभी महारथियों केबाण झेल रहे हैं
वो सब एक तरफ हमले को तैयार
आप भी हो चौकन्ने और रहे हो होंशियार।

विरोधियों को डर है सताता
उनका नहीं खुलेगा खाता
जनता सब जानती है
उनके बोल को नहीं मानती है।

उसके पास समय की कमी है
फिर भी वचन के पक्के और हामी है
कुछ भी काम अधूरा नहीं छोड़ ते है
'पूरा दिन काम ओर काम' का ही प्रण लेते है।

ये निस्वार्थ भावना है
उनका वचन लुभावना है
पर उम्मीदों से भरपूर और स्वाद से लबालब
उनकी हर बातों का निकलता है मतलब।

'नर में सर्वश्रेष्ठ इंद्र' है आपका है नाम
ना कोई बँगला और रहते बिलकुल गुमनाम
बस एक ही है सूत्र अपनाया हुआ
गरीब की भाषा अपने में अपनाया हुआ।

उसकी हर बात में नुस्ख निकालना
बात का बवंडर खड़ा करना
ऐसा करना था वो क्यों नहीं किया?
बस हमें क्यों पूछा नहीं?

जिसके पास जनता का सैलाब हो
हर गली मोहल्ला देखने को बेताब हो
उसका कोई क्या बिगाड़ सकता है
जो शूली पर भी चढ़ने को तैयार है।

शूली पर भी चढ़ने को तैयार Shuli Par
Saturday, December 3, 2016
Topic(s) of this poem: poem
COMMENTS OF THE POEM
Mehta Hasmukh Amathalal 04 December 2016

welcome Monica Garg Unlike · Reply · 1 · 2 mins

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Mehta Hasmukh Amathalal 04 December 2016

welcoem Satya Singh Unlike · Reply · 1 · 3 mins

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Mehta Hasmukh Amathalal 04 December 2016

welcome हरवंश ठाकुर Unlike · Reply · 1 · 3 mins

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Mehta Hasmukh Amathalal 04 December 2016

welcome Satya Singh Unlike · Reply · 1 · 5 mins

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Mehta Hasmukh Amathalal 04 December 2016

welcome Monica Garg Unlike · Reply · 1 · 5 mins

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Mehta Hasmukh Amathalal 17 December 2016

welcome Pratap Arya Unlike · Reply · 1 · Just now 5 Dec by

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Mehta Hasmukh Amathalal 17 December 2016

xwelcome Akhand Pratap Singh Unlike · Reply · 1 · 1 min 5 Dec by

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Mehta Hasmukh Amathalal 17 December 2016

welcome सूर्यकांत गुप्ता Unlike · Reply · 1 · Just now 5 Dec

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Mehta Hasmukh Amathalal 17 December 2016

x welcome karuna jha Unlike · Reply · 1 · Just now 5 Dec by

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Mehta Hasmukh Amathalal 17 December 2016

xRampal Aada लाजवाब औ बेमिसाल अंदाज ए इजहार - काबिले कबूल है। अद्वितीय औ' अविस्मरणीय भावाभिव्यक्ति अभिनंदनीय है। See Translation Unlike · Reply · 1 · 5 mins 5 Dec

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Vadali, Dist: - sabarkantha, Gujarat, India
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