सिर्फ मछली की आँख
कैसे पहचानोगे भीड़ में?
आग लगी है बीहड़ में
नहीं जा सकते चौखट में
क्या करोगे बोखलाहट में?
नहीं गभराना
बस करना उसका सामना
ना रखना हक़ मालिकाना
बस एक ही हो उद्देश्य 'खूब मिले नामना'
कोई नहीं जगाएगा आपको
मौक़ा आएगा आधी रात को
आपने रात को भी दिन बनाना है
सपने को हकीकत मे बदलना सपना है।
कैसे होगा सपना पूरा?
क्या वो रह जाएगा आधा अधूरा?
रखेंगे कदम आगे बहुत सोच समझकर
हर चीज़ को लेंगे नया साहस सोचकर।
नए लोग, नयी तमन्ना
होता रहेगा संगीन मुकाबला
आगे वोही बढ़ेगा
जो कुदरत का इशारा समझेगा।
प्रकृति है तो हम है
हम है तो जहाँ है
जहाँ की जगह अपने दिल में है
यही तो प्रकृति का फरमान है।
तो उठो और करो एक मनसूबा
ना छोडना काम कलपर या दूसरी सुबह
अपने मन की सुनकर इच्छा को मोड़ देना
ऐसा करने से पहले हवा का रुख जरूर देख लेना।
मम्मी ने कहा और पापा ने हामी भर दी
आपने सुना, समझा और कमी दूर कर दी
एक ही मंसूबा आपने बनाना है
'सिर्फ मछली की आँखको देखकर निशाना लेना है '
welcome balika sengupta Unlike · Reply · 1 · Just now
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welcome jawahar gupta Unlike · Reply · 1 · Just now