सोना मिल नहीं सकता
बुधवार, २५ जुलाई २०१८
मुझे नहीं मालुम
क्या चाहते है बालम?
जनाब उखड़े उखड़े से रहते है
बात करने से भी कतराते है।
वो गलत कर रहे है
खराब संगत के साथ है
चाहते है मेंकुछ ना पूछूं
बस अपने आंसू ही पोंछु।
मेने खोना कुछ भी नहीं
यदि वो चाहते है यही
मैंने तो दिलोजान से चाहा है
अभी वोही तोड़ने पर आमादा है।
जिंदगी का यही अनुरूप फैसला होगा
जो होगा वो अच्छा ही होगा
भाग्य को कोई बदल नहीं सकता
लिखा किस्मत में यही तो कोई जुठला नहीं सकता।
हमसे जुदा होकर वो दुखी हो जाएंगे
दरदर की ठोकरे खाते रहेंगे
कोई खबर लेनेवाला नहीं होगा
अपनेवाले से ही उनका पतन होगा।
मुझे अपमानित होना पसंद नहीं
अपने वजूद के खिलाफ जीना हरगिज़ मंजूर नहीं
किस्मत में लिखा कोई टाल नहीं सकता
पत्थर को कोई ढूंढे तो उसे सोना मिल नहीं सकता।
हसमुख अमथालाल मेहता
. welcome Bose Eneduwe Adogah 5 mutual friends 1 Manage Like · Reply · 1m मुझे अपमानित होना पसंद नहीं अपने वजूद के खिलाफ जीना हरगिज़ मंजूर नहीं किस्मत में लिखा कोई टाल नहीं सकता पत्थर को कोई ढूंढे तो उसे सोना मिल नहीं सकता। हसमुख अमथालाल मेहता
welcome Bipul B 136 mutual friends 1 Manage Like · Reply · 1m
Nizam Hussain Kaun hai wo tell me. 1 Manage Like · Reply · See Translation · 1w
Imtiyaz Shaikh You are a treasure of poems sir, really versatile poet 1 Manage Like · Reply · 13m
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मुझे अपमानित होना पसंद नहीं अपने वजूद के खिलाफ जीना हरगिज़ मंजूर नहीं किस्मत में लिखा कोई टाल नहीं सकता पत्थर को कोई ढूंढे तो उसे सोना मिल नहीं सकता। हसमुख अमथालाल मेहता