सुख का भागी
सोमवार, २० अगस्त २०१८
नगर हो या शहर
प्रेम का प्रस्रा हुआ है जहर
कोई नहीं है माहिर प्रेम का
बस रोग है एक जोम का।
खोने का मतलब रोना नहीं
पाने का मतलब हंसना नहीं
प्रेम बस प्रेम ही है
मिल जाएतो कुशलक्षेम ही है।
पाकर धन्य हो जाओ
खोकर शून्य ना हो जाओ
यह तो ईश्वरीय देन है
नसीब की लेनदेन है।
प्रेम वासना का प्रतिक हरगिज नहीं
प्रेम तो अमूल्य चीज, वो बिकाऊ नहीं
हमें पाकर धन्य होना है
उसमे स्नान करकर पवित्र बनना है
किसी को नजर में बसाना
और फिर उन नयनों में गुम जाना
बारबार याद करते रहना
और वक्त आनेपर केह भी देना।
प्यार तो प्यार ही है
उसे पाना धन्य होना है
नहीं मिले तो दुखी नहीं होना है
उस के सुख का भागी बनना है।
हसमुख अमथालाल मेहता
प्यार तो प्यार ही है उसे पाना धन्य होना है नहीं मिले तो दुखी नहीं होना है उस के सुख का भागी बनना है। हसमुख अमथालाल मेहता
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